उदय पुर वाटी विधान सभा क्षेत्र के समाज के अंतिम व्यक्ति से जुड़े पूर्व विधायक श्री इन्दर सिंह पोंख के नाम को कौन नहीं जानता ?क्षेत्र की सियासत में इनका भी अपना अलग ही स्थान था ।
इन्दर सिंह पोंख स्पस्त्वादी,व् मिटटी से जुड़े हुए नेता थे ।इनकी लोकप्रियता का आलम यह था की ये पोख गाँव के ४५ साल तक सरपंच रहे । सन १९७७ में उदय पुर वाटी से जनता पार्टी से विधायक चुने गए।जीवन पर्यन्त संघर्षशील रहे इन्द्र सिंह ने 1962 व 1967 में स्वतंत्र पार्टी व 1990 में कांग्रेस टिकट पर विधायक का चुनाव लड़ा था मगर पराजित हो गये थे। उनके कोई संतान नहीं थी। उदयपुरवाटी से चाहे विधायक कोइ भी रहा हो ,परन्तु उनके समर्थक हमेशा उनके साथ रहे ।वह विभिन्न ग्रामीण लोगों के अभाव -अभियोग बिना किसी पद पर रहते हुए भी साथ जाकर सुलझाने में हमेशा प्रयासरत रहे।
पोंख का राजमाता गायत्री देवी ,विख्यात उद्योगपति घनश्याम दास बिरला,पूर्व उपराष्ट्रपति स्व. भैरों सिंह शेखावत ,रावल मदन सिंह नवलगढ़ व् पूर्व केंद्रीय मंत्री शीश राम ओला से निकटम सम्बन्ध थे ।
ये हमेशा अपनी बेबाकी व् वाकपटुता के लिए प्रसिद्ध रहे ।प्रशाशनिक अधिकारिओं के द्वारा किसी भी प्रकार की कोताही को ये बिना किसी लाग् लपेट के सीधी भाषा में लताड़ने से नहीं चुकते थे । इनकी धर्मपत्नी श्रीमती जोर कँवर भी उदयपुर वाटी से प्रधान रह चुकी है
पोंख का राजमाता गायत्री देवी ,विख्यात उद्योगपति घनश्याम दास बिरला,पूर्व उपराष्ट्रपति स्व. भैरों सिंह शेखावत ,रावल मदन सिंह नवलगढ़ व् पूर्व केंद्रीय मंत्री शीश राम ओला से निकटम सम्बन्ध थे ।
ये हमेशा अपनी बेबाकी व् वाकपटुता के लिए प्रसिद्ध रहे ।प्रशाशनिक अधिकारिओं के द्वारा किसी भी प्रकार की कोताही को ये बिना किसी लाग् लपेट के सीधी भाषा में लताड़ने से नहीं चुकते थे । इनकी धर्मपत्नी श्रीमती जोर कँवर भी उदयपुर वाटी से प्रधान रह चुकी है
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