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Friday, January 16, 2015

सरपंच चुनाव

गजेन्द्र सिंह शेखावत 
वर्षो का जो मेल जोल था
अब हो रहा मन मुटाव,
लगता है आ गया,
सरपंच का चुनाव ||
जो था एकदम सीधा -साधा
खाने लगा है अब भाव ,
लगता है आ गया,
सरपंच का चुनाव ||
जो न कभी बतियाता था
वो जोड़े हाथ पांव ,
लगता है आ गया,
सरपंच का चुनाव ||
ठन्डे पड़े चौपालों कि
अब है चर्चाओं में ताव,
लगता है आ गया,
सरपंच का चुनाव ||
सदा मौज में रहने वाले
बदले -बदले गांव
लगता है आ गया,
सरपंच का चुनाव ||
पक्ष विपक्ष दो पाले बन गए
राजनीती के दांव
लगता है आ गया,
सरपंच का चुनाव ||