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Saturday, March 2, 2013

राजपूत छात्रावास झुंझुनू में स्तिथ स्टेचू 

वीरवर शार्दुल सिंह शेखावत (झुंझुनू) 

गजेन्द्र सिंह शेखावत

महाराव शार्दुल सिंह शेखावत का जन्म सन 1738 में हुआ था ।उन्होंने मुग़ल नवाब रोहिल्ला खान को परास्त कर वर्षों से स्थापित उनके झुंझुनू अधिपत्य को ख़त्म किया ।वह वीर ,पराक्रमी व् सूक्ष्म राजनीतिज्ञ शासक थे ।उनके झुंझुनू विजय पर किसी कवि ने ये दोहा कहा -सत्र सौ सतासिये ,अगहन मास उदार ।"सादो" लिनी झुंझुनू ,सूद आठ शनिवार ।।
उन्होंने झुंझुनू पर बारह साल से अधिक समय तक शासन किया ।उनकी मृत्यु के बाद संपत्ति पांच बेटों के बीच समान रूप से विभाजित किया गया था ।जो की पांच पाना के नाम से जाना जाता हैशार्दुल सिंह जी के बहुत बहादुर और सक्षम और कुशल शासक थे. उन्होंने कई नए गांवों, शहरों, किलों और महलों को उठाया, इनके तीन रानियाँ थी । झुंझुनू  में बादलगढ़ दुर्ग, महल व् बनवाया ।  उन्होंने जल सयोंजन के लिए  विशाल बावड़ी का निर्माण अपनी प्रिये रानी 'मेडतनी जी" के नाम से  करवाया । उन्होंने व्यापार के लिए सेठो (व्यापारियों) को प्रोत्साहित किया.।
झुंझुनू व् पिलानी में उनकी याद को चिर स्मर्निये बनाने के लिए उनके वंशजों ने उनके नाम पर शार्दूल छात्रावास का निर्माण करवाया ।जहा पर उनकी स्टेचू का आनावरण पूर्व केंद्रीय मंत्री व् राजपूत नेता  स्व. कल्याण सिंह जी कालवी ने किया ।हमने भी अपनी शिक्षा यहीं छात्रावास में रहकर पूरी की है ।

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