1.अभागियो टाबर त्युंहार नै रूसै
अर्थ -भाग्यहीन बालक त्यौहार के दिन रुष्ट होता है ।
2.अय्याँ ही रांडा रोळा करसी अर अय्याँ ही पावणा जिमबो करसी
अर्थ -जलने वाले ऐसे ही जलते रहेंगे ।
3.आसोजां का पड्या तावडा जोगी बणग्या जाट
अर्थ -असोज के महीने में अगर तेज धुप पड़ती है तो किसान की बर्बादी निश्चित है ।
4.तीजां पाछै तीजड़ी, होळी पाछै ढूंढ, फेरां पाछै चुनड़ी, मार खसम कै मूंड ।
अर्थ -समय निकलने के बाद उस वस्तु उपलब्द होना बेकार है ।
5.च्यार चोर चौरासी बाणिया, बाणिया बापड़ा के करँ ।
अर्थ -अनउपयुक्त व्यक्ति की संख्या चाहे कितने भी हो वो कुछ नहीं कर सकते ।
6.ठिकाणे सुं ही ठाकर बाजे ।
अर्थ -व्यक्ति का नहीं स्थान का महत्व होता है ।
categeory-कहावतें
अच्छा नाम सोचा है आपने अपने ब्लॉग का गजेंद्र सिंह जी भोजराज जी के पेनतालीस गाव है सा मेरा ननिहाल भी भोज राज के यहा है सा गोठरा
ReplyDeleteधन्यवाद सा ...झाझड - गोठडा में पुरषोत्तम सिंह जी के भोजराज शेखावत हैं
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