गजेन्द्र सिंह शेखावत
ताती बाजे लूवां,
सुना -ढाणी गांव |
तपती- बलती बास्ते
ज्यूँ सामो चूले- ताव ॥(1)
गर्मी की दोपहरयाँ,
कलडी तीखी धुप
मिनख जिनावर छापलरया ,
कर्फ्यू को सो रूप ॥(2)
ध्यान राखज्यो बापजी र ,
कांदा राब सूं हेत
दोपहरयाँ दरखतां तले,
संज्या बाज्या खेत ॥ (3)
ताती बाजे लूवां,
सुना -ढाणी गांव |
तपती- बलती बास्ते
ज्यूँ सामो चूले- ताव ॥(1)
गर्मी की दोपहरयाँ,
कलडी तीखी धुप
मिनख जिनावर छापलरया ,
कर्फ्यू को सो रूप ॥(2)
ध्यान राखज्यो बापजी र ,
कांदा राब सूं हेत
दोपहरयाँ दरखतां तले,
संज्या बाज्या खेत ॥ (3)
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